Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -10-Apr-2022 आया है आया है ग्रीष्म ऋतु आया है आया है

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-आया है आया है ग्रीष्म ऋतु आया है

आया है आया है ग्रीष्म ऋतु आया है,
जेठ आषाढ़ का महीना लाया है।

सूरज ने अपनी तपन को बढ़ाया है,
हमारे बदन को  तपाया है,
हर मानव को सताया है,
फिर मानव इसमें नहाया है।

आया है आया है ग्रीष्म ऋतु आया है,
जेठ आषाढ़ का महीना आया है।

सूरज ने अपना रूप बढ़ाया,
कोल्ड्रिंक को घर बुलाया,
विदेशीयो का व्यापार बढ़ाया,
हम को हॉस्पिटल भिजवाया है।

आया है आया है ग्रीष्म ऋतु आया है,
जेठ आषाढ़ का महीना लाया है।

अब गर्मी तू कर रहम ,
बहुत बरसाया तूने कहर,
किसानों पर ढ़ाया है प्रचंड,
क्यू दे रहा है इनको कष्ट।

आया है आया है ग्रीष्म ऋतु आया है,
जेठ आषाढ़ का महीना लाया है।

जल रहे हैं अब हमारे घर,
किंचित कर तू अब फ्रिक,
कोई रहता है तिनको में ,
कोई रहता बिन छत के।

आया है आया है ग्रीष्म ऋतु आया है,
जेठ आषाढ़ का महीना लाया है।

गर्मी ने दिखाया अपना बर्ताव,
मेरा शहर उबल रहा है आज,
गर्मी से बेहद मचल रहा है आज,
ए तपन तू रहम कर,
कोई रहता है सड़क पर,
तू कर अब उन पर तरस।

आया है आया है ग्रीष्म ऋतु आया है,
जेठ आषाढ़ का महीना लाया है।









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5 Comments

Shnaya

12-Apr-2022 04:02 PM

Very nice 👌

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Punam verma

11-Apr-2022 08:38 AM

Nice

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Abhinav ji

11-Apr-2022 08:01 AM

Nice

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